कोई मेरे जख्म सी दे, चैन आये तब कहीं
कोई मेरे गम खरीदे, चैन आये तब कहीं
जिस्म तो तूने नवाजा, खूबसूरत है उसे
गर कहीं से रूह भी दे, चैन आये तब कहीं
सूखकर सहरा हुए हैं, नैन मेरे देख तो
इनको सुख की भी नमी दे, चैन आये तब कहीं
छू रहे हैं दुश्मनों के हौसले आकाश को
उनको भी तू इक गमी दे चैन आये तब कहीं
है लबालब झोली मौसम की गमों से भर रही
फूलों को भी तू हँसी दे, चैन आये तब कहीं
हैं लगी लाशें भी अपना चैन खोने आजकल
मौत को भी जिंदगी दे चैन आये तब कहीं
अश्क तो तूने बहुत मुझको दिये हैं ऐ खुदा
पर लबों को तू हँसी दे चैन आये तब कहीं
फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन, फ़ाइलुन
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