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जिन्दगी से इक दुआ मांगी थी
मौत कब हमने भला मांगी थी
मौत से हमने दया मांगी थी
याने हाकिम से सजा मांगी थी
रूठ क्यों हमसे गई तू ऐ हवा
चुलबुली-सी इक अदा मांगी थी
है नया अन्दाज दिलबर तेरा
बेवफाई दी वफा मांगी थी
खिड़कियाँ सब खोल दीं उसने तो
रोशनी कुछ, कुछ हवा मांगी थी
बख्श दी क्यों मौत ही ऐ मौला
हमने तो तुमसे दवा मांगी थी
क्यों गिला तुमसे करें ‘श्याम’ न हम
क्यों घुटन दे दी हवा मांगी थी
फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन, फ़ेलुन
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