tag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post1689823982025025650..comments2023-10-18T17:37:17.808+05:30Comments on ग़ज़ल के बहाने-gazal k bahane: गज़ल के रुक्न या खण्डgazalkbahanehttp://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-82977121328178671392016-07-16T09:21:09.117+05:302016-07-16T09:21:09.117+05:30बहुत अच्छी जानकारी1 धन्यवाद्1 बहुत अच्छी जानकारी1 धन्यवाद्1 निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-14679654347758153182010-04-03T22:12:34.803+05:302010-04-03T22:12:34.803+05:30किधर से होता हुआ यहाँ तक पहुँचा ये तो याद नहीं, मग...किधर से होता हुआ यहाँ तक पहुँचा ये तो याद नहीं, मगर यहाँ आ कर बड़ा अच्छा लगा। कोई ग़ज़ल समझने कहने वाला मिला। आता रहूँगा। आभार, अच्छी ग़ज़लों के साथ लोगों को ग़ज़ल पर एजूकेट भी करने के लिए।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-8319696582629922872009-03-08T23:20:00.000+05:302009-03-08T23:20:00.000+05:30इतने सारे बहर हैं, देखते हैं के अपनी गज़ल लिखते वक्...इतने सारे बहर हैं, देखते हैं के अपनी गज़ल लिखते वक्त कितने याद रहते हैं<BR/>अभी तक तो गज़ल लिखता ही आया हूँ<BR/>गज़ल कहना सुन कर तो ऐसा लगता है, के कोई बन्दा spontaneous गज़ल को create कर दे। जो कि मुझे असम्भव सा प्रतीत होता है<BR/>गज़ल कहने के लिये वक्त तो चाहिये ही होता है। हां वो बात अलग है, की इन्सानी मस्तिश्क की कोई पराकाष्ठा नहीं है, Practice से आप कुछ भी कर सकते हैंYogihttps://www.blogger.com/profile/15382350910254695035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-88160067207518090552009-02-04T21:10:00.000+05:302009-02-04T21:10:00.000+05:30श्याम जी आपका शुक्रगुजार हूँ..इन सलाहों पर। यहाँ व...श्याम जी आपका शुक्रगुजार हूँ..इन सलाहों पर। यहाँ वर्ना इस ब्लौग जगत में तो बस वाह-वाही की ही परंपरा है। आपका दिल से शुक्रगुजार हूं। कृपया यूं ही हौसला बढ़ाते रहें।<BR/>और ये सबक आगे तो बढ़ाइये....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-61653159730447343132009-01-31T00:31:00.000+05:302009-01-31T00:31:00.000+05:30मानोशी जी की गज़ल पर आपकी टिप्पणी पढ़ कर चला आयापहला...मानोशी जी की गज़ल पर आपकी टिप्पणी पढ़ कर चला आया<BR/>पहला पाठ रोचक रहा है...गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.com