tag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post1709796296438624790..comments2023-10-18T17:37:17.808+05:30Comments on ग़ज़ल के बहाने-gazal k bahane: नहीं मिलती यहां पर मौत भी माँगे अगर कोई-गज़लgazalkbahanehttp://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-8514776517031798742010-07-17T04:36:18.947+05:302010-07-17T04:36:18.947+05:30लगा है ‘श्याम’तो करने खुराफाते नईं यारो
उसी की इस ...लगा है ‘श्याम’तो करने खुराफाते नईं यारो<br />उसी की इस मटरगश्ती से यूँ दो पल चुरालें हम<br />Mazaaagaya sham ji.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-37442130129666817552010-07-14T15:01:28.120+05:302010-07-14T15:01:28.120+05:30मतला बहुत सुंदर है....
चलो फूलों की इस बस्ती से य...मतला बहुत सुंदर है....<br />चलो फूलों की इस बस्ती से यूँ दो पल चुरा लें हम<br />कभी भँवरो की भी मस्ती से यूँ दो पल चुरा लें हम<br /><br />बहुत खूब...एक जगह और टाइपिंग में गलती हुई है ...<br />"खड़ी इस भीड़ सस्ती यूँ दो पल चुरा लें हम" में 'से' रदीफ़ लगाना भूल गए शायदअर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-3183996447152245512010-07-11T17:58:47.390+05:302010-07-11T17:58:47.390+05:30वाह ! क्या बात है .....
नहीं मिलती यहां पर मौत भी ...वाह ! क्या बात है .....<br />नहीं मिलती यहां पर मौत भी अगर माँगे कोई<br />चलो फिर तो जबरद्स्ती से यूँ दो पल चुरा लें हम.....<br /><br />जी हाँ....अकसर ऐसा होता है जो चाहिए नहीं मिलता...<br /><br />अगर आप हाइकु पढ़ने का अभंयास करेंगे ...ज्यादा जीना सीखेंगे<br /><br />पता है....<br /><br />hindihaiku@gmail.com<br /><br />hindihaiku.wordpress.com<br /><br /><br />हरदीपत्रिवेणीhttps://www.blogger.com/profile/18065125611157155281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-37941738226006713432010-07-08T20:48:27.938+05:302010-07-08T20:48:27.938+05:30bhai mohan ji v aap sabhee kaa aabhaar नहीं मिलती ...bhai mohan ji v aap sabhee kaa aabhaar नहीं मिलती यहां पर मौत भी मांगे अगर कोई<br />टंकन गलती है ठीक करुंगा अभी नेट ठीक काम नहीं कर रहा<br />मगर इस मिसरे में बह्र ठीक है दोबारा देखें<br />भला क्यॊं नाज[ न आज] होने से बह्र ठीक हैgazalkbahanehttps://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-63560172640900881232010-07-07T11:27:11.460+05:302010-07-07T11:27:11.460+05:30श्याम जी, बहुत सुन्दर रचना है, बधाई। बस टाइपिंग त्...श्याम जी, बहुत सुन्दर रचना है, बधाई। बस टाइपिंग त्रुटियाँ (मुझे तो यही लगा) कुछ खटक रही हैं और कहीं-कहीं थोड़ा सा मात्रिक-छान्दसिक हेर-फेर है। यह ध्यान दिलाना चाहूँगा कि-<br />"भला क्यों न आज उस हस्ती से यूँ दो पल चुरा लें हम"<br />में "भला" की जगह "तो" कर दें तो बह्र में आ जायगी बात।<br />हो सकता है कि मेरे पढ़ने में कमी हो - क्योंकि ग़ज़ल की बहुत सी मात्राएँ तो पढ़ने या गाने के अन्दाज़ पर निर्भर हैं, मगर मुझे यह भी लगा कि -<br />"नहीं मिलती यहां पर मौत भी अगर माँगे कोई" की जगह अगर -<br />"नहीं मिलती यहां पर मौत भी माँगे अगर कोई" शायद कहा होगा आपने - टाइप करते समय बदल गया।<br />बस ऐसा ही कुछ था दो-तीन जगह।<br />मगर रचना ख़ूब रही और खुराफ़ातें-मटरगश्ती वाला जुमला तो ख़ैर लासानी है - बहुत पसन्द आई ये रचना।Himanshu Mohanhttps://www.blogger.com/profile/16662169298950506955noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-35661633189825432482010-07-03T11:53:16.495+05:302010-07-03T11:53:16.495+05:30वह श्याम बहुत अच्छा लिखा है...पसंद आया ...ऐसे ही ल...वह श्याम बहुत अच्छा लिखा है...पसंद आया ...ऐसे ही लिख कर दिल हमारा चुरा लोगे तुम!!!<br /><br />हरीशAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-82603184166666838732010-06-30T17:48:45.035+05:302010-06-30T17:48:45.035+05:30मफ़ाईलुन,मफ़ाईलुन,मफ़ाईलुन,मफ़ाईलुन
वह डॉक्टर साहब , ...मफ़ाईलुन,मफ़ाईलुन,मफ़ाईलुन,मफ़ाईलुन<br /><br />वह डॉक्टर साहब , तकनीकि दृष्टि से एकदम दुरुस्त ग़ज़ल । शेर ( अशआर ) भी पसंद आये ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-37822946070673368682010-06-30T12:50:10.997+05:302010-06-30T12:50:10.997+05:30बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल है ... खास कर ये शेर बहुत पसंद...बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल है ... खास कर ये शेर बहुत पसंद आया <br />इशारे पर चलें जिसके हमेशा चाँद-तारे भी<br />भला क्यों न आज उस हस्ती से यूँ दो पल चुरा लें हम<br />दुसरे शेर के दूसरी पंक्ति में <br />"चलो फिर तो जबरद्स्ती से दो यूँ पल चुरा लें हम'<br />को "चलो फिर तो जबरद्स्ती से यूँ दो पल चुरा लें हम' कर दें ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3794734343980102357.post-45528873369731000972010-06-30T12:35:09.725+05:302010-06-30T12:35:09.725+05:30bahut khoob !bahut khoob !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.com