ख्वाब हर हाल में है यार भला सा होता
मैं गुनहगार न होता तो फरिश्ता होता
टूटता घर न हमारा यूं कभी भी जानम
दिल में तेरे भी अगर प्यार जरा सा होता
चाँद जैसा है बदन झील सी तेरी आंखें
तुझ पे हर कोई फिदा होता न तो क्या होता
तू चली आती है छत पर जो अकेली जानम
चाँद को ख्वाब सरीखा सा है धोखा होता
जिन्दगी भर है जिसे ख्वाब में पूजा मैने
रूबरू होता अगर वो तो करिश्मा होता
यार इलजाम भला क्या तू लगाता मुझपर
झांक कर दिल में कभी अपने जो देखा होता
क्या बिगड़ते यूं सभी काम तुम्हारे हमदम
बात करने का अगर तुमको सलीका होता
बेवफ़ा‘श्याम’अगर होता नहीं जो यारो
आठवां फिर तो वो दुनिया का अजूबा होता
फ़ाइलातुन,फ़इलातुन.फ़इलातुन ,फ़ेलुन
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