my 1st day at Houstan texas-will be here till 18th march
कभी पत्थर कभी कांटे कभी ये रातरानी है
कभी पत्थर कभी कांटे कभी ये रातरानी है
यही तो जिन्दगानी है,यही तो जिन्दगानी है
जमीं जबसे बनी यारो तभी से है वजूद इसका
नये अन्दाज दिखलाती मुहब्बत की कहानी है
खुशी से रह रहे थे हम मिले तुझसे नहीं जब तक
तुझे मिलकर हुआ ये दिल गमों की राजधानी है
मुझे लूटा है अपनो ने तुझे भी खा गये अपने
यही तेरी कहानी है यही मेरी कहानी है
रही है दूर ये दिल्ली,रहेगी दूर ये दिल्ली
रखैली थी रखैली है ये दिल्ली राजधानी है
रहे डरते `सखा' ताउम्र कुछ करने से पहले हम
हुये है मस्त कितने जब से छोड़ी सावधानी है
mfaelun,mfaelun,mfaelun,mfaelun
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