बेताब रूह थी कभी मिलने को ‘श्याम’अब जिस्म भी जिहाद करने लगा हैउफ़ ---गज़ब की बेकरारी है !लेकिन आनंददायक है।
बेताब रूह थी कभी मिलने को ‘श्याम’अब जिस्म भी जिहाद करने लगा है ...खूब श्याम जी ........ उस्ताद हैं आप ग़ज़ब के जादूगर शब्दों के ..........
बहुत खूब । दिल आज फ़िर फ़साद करने लगा हैउस बेवफा को याद करने लगा हैये दिल भी पक्का फसादी होता है ।
शानदार कारीगरी..उम्दा भाव!!
jab jism bhi jihaad karne lage to sthiti badi bhayankaratmak ho jati hai.bahut sunder roopantaran.
badhiya baat.......baarik bat,,,,,,,,_____shaandaar she'r !
दिल आज फिर उदास होने लगा...:(
wah! jaan hai bhai panktiyon mein...
चुस्त बहर अंदाज नया डाक्टर साब...क्या कहने! वाह!!
बहुत ही अच्छी रचनाबहुत-२ आभार
फ़साद और जिहाद में इस बेचारी का क्या दोष, जिसका फ़ोटो आपने साथ में चिपका रखा है!
बेताब रूह थी कभी मिलने को ‘श्याम’
ReplyDeleteअब जिस्म भी जिहाद करने लगा है
उफ़ ---गज़ब की बेकरारी है !
लेकिन आनंददायक है।
बेताब रूह थी कभी मिलने को ‘श्याम’
ReplyDeleteअब जिस्म भी जिहाद करने लगा है ...
खूब श्याम जी ........ उस्ताद हैं आप ग़ज़ब के जादूगर शब्दों के ..........
बहुत खूब ।
ReplyDeleteदिल आज फ़िर फ़साद करने लगा है
उस बेवफा को याद करने लगा है
ये दिल भी पक्का फसादी होता है ।
बहुत खूब ।
ReplyDeleteदिल आज फ़िर फ़साद करने लगा है
उस बेवफा को याद करने लगा है
ये दिल भी पक्का फसादी होता है ।
शानदार कारीगरी..उम्दा भाव!!
ReplyDeletejab jism bhi jihaad karne lage to sthiti badi bhayankaratmak ho jati hai.
ReplyDeletebahut sunder roopantaran.
badhiya baat.......
ReplyDeletebaarik bat,,,,,,,,
_____shaandaar she'r !
दिल आज फिर उदास होने लगा...:(
ReplyDeletewah! jaan hai bhai panktiyon mein...
ReplyDeleteचुस्त बहर अंदाज नया डाक्टर साब...क्या कहने! वाह!!
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत-२ आभार
फ़साद और जिहाद में इस बेचारी का क्या दोष,
ReplyDeleteजिसका फ़ोटो आपने साथ में चिपका रखा है!