वाकई 10 नम्बरी है जी!
दिल ही नहीं है संगोकिश्त गम से न भर आये क्योंरोयेंगे हम हज़ार बार, कोई हमें मनाये क्यों?
सही है दस नम्बरी ही है बधाई
खूबसूरत शेर ........ लाजवाब सर ........
शेर क़ाबिले-तारीफ़ है।
waah !
badhiya likha hai ji..
क्या ग़ज़ब का फसाद है और क्या जि़हाद है? आपने तो इन्तिहा तक पहुँचा दिया।तिलक राज कपूर
'जिहाद'का रोमांस में प्रयोग!!! कमाल! अद्भुत!!! आप अब उस्तादों वाली श्रेणी में आ गये हैं. प्रार्थी को शिष्य बनाने के बारे में क्या विचार है ?
वाकई 10 नम्बरी है जी!
ReplyDeleteदिल ही नहीं है संगोकिश्त गम से न भर आये क्यों
ReplyDeleteरोयेंगे हम हज़ार बार, कोई हमें मनाये क्यों?
सही है दस नम्बरी ही है बधाई
ReplyDeleteखूबसूरत शेर ........ लाजवाब सर ........
ReplyDeleteशेर क़ाबिले-तारीफ़ है।
ReplyDeletewaah !
ReplyDeletebadhiya likha hai ji..
ReplyDeleteक्या ग़ज़ब का फसाद है और क्या जि़हाद है? आपने तो इन्तिहा तक पहुँचा दिया।
ReplyDeleteतिलक राज कपूर
'जिहाद'का रोमांस में प्रयोग!!! कमाल! अद्भुत!!! आप अब उस्तादों वाली श्रेणी में आ गये हैं. प्रार्थी को शिष्य बनाने के बारे में क्या विचार है ?
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