उम्र चाँदी हो गई पर दिल जवां है दोस्तो
आज भी मुझपर मुह्ब्ब्त मेह्रबां है दोस्तो
मित्रो!
आप सभी की शुभकामनाओं के लिये मैं आप सब का हृद्य से आभारी हूं।
अकादमी की मासिक पत्रिका हेतु आप की रचनाएं - गीत -गज़ल,नज़्म,कवितायें- कवितायें मुक्त छंद की भी हो सकती हैं लेकिन छंद-मुक्त कवितायें न भेजें, कहानियां,लघुकथायें तथा समीक्षा हेतु पुस्तक की दो प्रतिय़ां अकादमी के पते
सम्पादक हरि-गंधा अकादमी भवन प्लॉट न० 16 सैक्टर 14 पंचकूला हरियाणा पिन.
रचनाए ई-मेल द्वारा भी भेज सकते हैं- harigandha@gmail.com
रचनाओं पर अकदमी नियमानुसार मानदेय भी दिया जायेगा।
आपका सदा सा
श्याम सखा श्याम
मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/
उम्दा शेर.....रचना भेजते हैं जरुर!!
ReplyDeleteबहुत बहुत बढ़िया ..बेहतरीन लिखा है
ReplyDeleteljushnasib ho jnaab vrnaa hm to taras gaye .......akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteअच्छा है आपके अध्यक्ष होने का साहित्यक ब्लॉगरों को लाभ मिलेगा। धन्यवाद।
ReplyDeleteमुहब्बत की मेहरबानी बनी रहे ।
ReplyDeleteकुछ भेजते हैं डॉ साहब ।
सर पे बुढापा है मगर दिल तो जवां हैं= यह गीत याद आ गया:)
ReplyDeleteआप सभी मित्रों का आभार
ReplyDeleteपहले तो बहुत बहुत बधाई और साथ ही ईश्वर से कामना करते हैं कि वो आप को इस दायित्व के माध्यम से अपना सर्वोत्तम प्रस्तुत करने के सुनहरे मौके देते रहें।
ReplyDeleteई मेल नोट कर लिया है आप का। आज्ञा हुयी है तो कुछ करेंगे अवश्य।
♥
ReplyDeleteआदरणीय डॉ.श्याम सखा 'श्याम'जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
एक बार फिर से
साहित्य अकादमी हरियाणा के निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
एक सुयोग्य सुपात्र का चयन करने के लिए हरियाणा प्रशासन भी बधाई का पात्र है ।
अवश्य ही हरिगंधा में प्रकाशनार्थ रचनाएं भेजूंगा … पहले भी प्रकाशित होता रहा हूं ………
आपसे निवेदन है कि ब्लॉग पर भी सक्रिय रहें , कृपया ! :) …और मेल व्यवहार में भी अवरोध नहीं आना चाहिए नये दायित्वों के कारण … :))
अनेक व्यस्तताओं और परेशानियों के कारण आपकी तमाम रचनाएं पढ़ते रहने के उपरांत भी कमेंट बॉक्स में उपस्थिति न के बराबर दर्ज़ करा सका … क्षमाभाव के साथ स्नेह-सौहार्द बनाए रहें !
हार्दिक बधाई और समस्त् शुभकामनाओं सहित …
- राजेन्द्र स्वर्णकार