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मरना तो आसान है पर जीना है मुश्किल बहुत
चल पड़े इक बार तो मिल जाएंगी मंजिल बहुत
छोड़िये कश्ती को आप इक बार तो मझधार में
बाट जोहेंगे ऐ हजरत! आपकी साहिल बहुत
हो गया आसां बहुत ही आजकल ये प्यार तो
क्योंकि हैं मिलने लगे यारो उधार अब दिल बहुत
हो चले मायूस थे हम लोग सब के सब मगर
आपके आने से तो है जम गई महफ़िल बहुत
गैस एजेंसी बाप मरने पर मिली तो, कह उठा
यार अपने काम आया अबके है करगिल बहुत
साफगोई की वजह से ही कबाड़ा हो गया
श्याम था वर्ना सभी के प्यार के काबिल बहुत
फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,फ़ाइलुन
मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/
जिंदगी का ये सफ़र आसान था गर सोचते
ReplyDeleteरास्ते भी कम नहीं थे, और थीं मंजि़ल बहुत।
very good
ReplyDeleteaap dono ka aabhaar
ReplyDeletebadiya gazal, naye khayalon ke sath.... badhai bhai saab...
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