Monday, October 19, 2009

तेरी मेरी बात चलेगी-गज़ल

तेरी मेरी बात चलेगी

तेरी मेरी बात चलेगी
सारी-सारी रात चलेगी

दुल्हा होगा चाँद गगन में
तारों की बारात चलेगी

ढाई अक्षर प्यार के होंगे

फिर क्या कोई जात चलेगी


यादों के बादल के सँग-सँग,

अश्को की बरसात चलेगी


सेज सजेगी पलकों की जब

सपनों की सौगात चलेगी


मेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/

14 comments:

  1. ढाई अक्षर प्यार के होंगे
    फिर क्या कोई जात चलेगी
    जी नही तब कोई जात नही होगी
    तब तो केवल ---

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  2. सेज सजेगी पलकों की जब
    सपनों की सौगात चलेगी

    बहुत सुन्दर !

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  3. ढाई अक्षर प्यार के होंगे
    फिर क्या कोई जात चलेगी

    यादों के बादल के सँग-सँग,
    अश्को की बरसात चलेगी ............

    खूबसूरत ग़ज़ल ........... हर शेर लाजवाब ......

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  4. बहुत सुन्दर गजल है।बधाई।

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  5. बहुत सुंदर गजल जी.
    धन्यवाद

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  6. अच्छी ग़ज़ल हुई है डा0 साहब लेकिन इस बार ग़ज़लपन कुछ कम है. आपके स्तर से कम.

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  7. इतनी छोटी बह्र के साथ इतनी अच्‍छी ग़ज़ल आप जैसा माहिर ही दे सकता है।
    ढाई अक्षर प्‍यार के होंगे

    फिर क्‍या कोई जात चलेगी।

    क्‍या बात है साहब। लेकिन यही शेर अगर ऐसा होता कि:

    ढाई आखर प्‍यार के आगे

    धरम न कोई जात चलेगी'
    तो शायद इसी कहन का दायरा और विस्‍तृत हो जाता और दृढ़ता भी अधिक आ जाती।

    ग़ज़ल के मामले मैं निपट अनाड़ी हूँ। आपके, भाई सुबीर के और भाई सतपाल खयाल के ब्‍लॉग पढ़-पढ़ कर कुछ सीखने के प्रयास में हूँ।

    तिलक राज कपूर

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  8. मुझे इस की जो बह्र समझ आई वह है 'मुस्‍तफएलुन, मुस्‍तफएलुन' क़पया मार्गदर्शन दें।

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  9. Pehle to aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen....


    ढाई अक्षर प्यार के होंगे
    फिर क्या कोई जात चलेगी ..

    in panktiyon ne dil chhoo liya ........


    behtareen abhivyakti saath.......bahut hi achchi ghazal......

    Saadar...

    Mahfooz...

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  10. ढाई अक्षर प्यार के होंगे
    फिर क्या कोई जात चलेगी
    wah shyam ji, gagar men sagar bhar diya. behATAREEN. BADHAAI.

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  11. subhaan allah !!! lajavaab !!

    Chhote bahar ki ati sundar gazal..

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  12. यादों के बादल के सँग-सँग,
    अश्को की बरसात चलेगी

    bahut khoob gazal hui hai
    ye sher khas pasand aaya

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