तेरी मेरी बात चलेगी तेरी मेरी बात चलेगीसारी-सारी रात चलेगीदुल्हा होगा चाँद गगन में तारों की बारात चलेगी
ढाई अक्षर प्यार के होंगे
फिर क्या कोई जात चलेगी
यादों के बादल के सँग-सँग,
अश्को की बरसात चलेगी
सेज सजेगी पलकों की जब
सपनों की सौगात चलेगीमेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/
ढाई अक्षर प्यार के होंगे
ReplyDeleteफिर क्या कोई जात चलेगी
जी नही तब कोई जात नही होगी
तब तो केवल ---
सेज सजेगी पलकों की जब
ReplyDeleteसपनों की सौगात चलेगी
बहुत सुन्दर !
ढाई अक्षर प्यार के होंगे
ReplyDeleteफिर क्या कोई जात चलेगी
यादों के बादल के सँग-सँग,
अश्को की बरसात चलेगी ............
खूबसूरत ग़ज़ल ........... हर शेर लाजवाब ......
बहुत सुन्दर गजल है।बधाई।
ReplyDeleteachcha hai.. mazedaar..
ReplyDeleteबहुत सुंदर गजल जी.
ReplyDeleteधन्यवाद
अच्छी ग़ज़ल हुई है डा0 साहब लेकिन इस बार ग़ज़लपन कुछ कम है. आपके स्तर से कम.
ReplyDeleteबेहतरीन !!
ReplyDeleteइतनी छोटी बह्र के साथ इतनी अच्छी ग़ज़ल आप जैसा माहिर ही दे सकता है।
ReplyDeleteढाई अक्षर प्यार के होंगे
फिर क्या कोई जात चलेगी।
क्या बात है साहब। लेकिन यही शेर अगर ऐसा होता कि:
ढाई आखर प्यार के आगे
धरम न कोई जात चलेगी'
तो शायद इसी कहन का दायरा और विस्तृत हो जाता और दृढ़ता भी अधिक आ जाती।
ग़ज़ल के मामले मैं निपट अनाड़ी हूँ। आपके, भाई सुबीर के और भाई सतपाल खयाल के ब्लॉग पढ़-पढ़ कर कुछ सीखने के प्रयास में हूँ।
तिलक राज कपूर
मुझे इस की जो बह्र समझ आई वह है 'मुस्तफएलुन, मुस्तफएलुन' क़पया मार्गदर्शन दें।
ReplyDeletePehle to aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen....
ReplyDeleteढाई अक्षर प्यार के होंगे
फिर क्या कोई जात चलेगी ..
in panktiyon ne dil chhoo liya ........
behtareen abhivyakti saath.......bahut hi achchi ghazal......
Saadar...
Mahfooz...
ढाई अक्षर प्यार के होंगे
ReplyDeleteफिर क्या कोई जात चलेगी
wah shyam ji, gagar men sagar bhar diya. behATAREEN. BADHAAI.
subhaan allah !!! lajavaab !!
ReplyDeleteChhote bahar ki ati sundar gazal..
यादों के बादल के सँग-सँग,
ReplyDeleteअश्को की बरसात चलेगी
bahut khoob gazal hui hai
ye sher khas pasand aaya