वो तुझे ही चाहता है
वक्त कितना बेवफ़ा है
दिल की बस इतनी खता है
वो तुझे ही चाहता है
प्यार जब ग़म की दवा है
रूह फिर क्यों ग़मजदा है
सिर्फ़ सच ही तो कहा था
हो गया वो क्यों खफ़ा है
जुल्म सहना, मुस्कराना
आपकी बेढ़ब अदा है
याद तेरी आ रही है
एक बच्चा रो रहा है
क्या कहीं फिर बम फटा है
दर्दे-दिल की`श्याम’जी अब
क्या कहीं कोई दवा है
फ़ाइलातुन.फ़ाइलातुन25/112
मेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/
Sundar Rachnaa !
ReplyDeleteजिन्दगी है, या सजा है
ReplyDeleteवक्त कितना बेवफ़ा है
-बेहतरीन!!
एक बच्चा रो रहा है
ReplyDeleteक्या कहीं फिर बम फटा है
उम्दा गजल!!
"जिन्दगी है, या सजा है
ReplyDeleteवक्त कितना बेवफ़ा है"
याद तेरी आ रही है
ReplyDeleteयानी करना रतजगा है
wah shyaam ji , yaad teri aane ka matlab hi ratjaga hai. bahut khoob.
दिले नादान तुझे क्या हुआ है
ReplyDeleteआखिर इस दर्द की क्या दव है... चाचा गालिब से क्षमा के साथ:)
CHOTI BAHAR MEIN BHI KAMAAL BHARA HUVA HAI SHYAAM JI ... LAJAWAAB ...
ReplyDeleteजुल्म सहना, मुस्कराना
ReplyDeleteआपकी बेढ़ब अदा है
बहुत सुंदर जी,
धन्यवाद
dost bahut achchaa
ReplyDeleteएक बच्चा रो रहा है
ReplyDeleteक्या कहीं फिर बम फटा है
बहुत मार्मिक पंक्तियाँ...
पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत..!!
प्यार जब ग़म की दवा है
ReplyDeleteरूह फिर क्यों ग़मजदा है
-जबरदस्त रचना!!
जुल्म सहना, मुस्कराना
ReplyDeleteआपकी बेढ़ब अदा है
याद तेरी आ रही है
यानी करना रतजगा है..
बहुत सुंदर रचना लिखा है आपने! हर एक पंक्तियाँ लाजवाब है!
bahut sundar..choti bahar ki sashakt rachna,...
ReplyDeleteजुल्म सहना, मुस्कराना
ReplyDeleteआपकी बेढ़ब अदा है
बहुत ही प्यारा शेर है. गजल भी शानदार है. आप अब '' उस्ताद" की श्रेणी में दाखिल हो गये हैं. मैं अभी कुछ देर पहले वापस आया और सबसे पहले बल्कि शायद आज के दिन सिर्फ आप से ही सम्पर्क कर रहा हूँ. इस गजल के लिए मुबारकबाद. आप अवसाद से बाहर आ गये, यह खुशी की बात है. और हाँ, और ये होंट किसके हैं जिनपर इतनी गजब गजल हुई है.
दिल की बस इतनी खता है
ReplyDeleteवो तुझे ही चाहता है
bahut khoobsurat panktiyaan....
--
शुभेच्छु
प्रबल प्रताप सिंह
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हैं ना दर्दे दिल की दावा ...ब्लोगिंग ...और क्या ...!!
ReplyDeleteउम्दा गज़ल।
ReplyDeletekam shabdon me itani badhiya gazal sanjona koi aap se sikhe...atisundar..badhayi shyam ji
ReplyDeleteयाद तेरी आ रही है
ReplyDeleteयानी करना रतजगा है
bahut khoobsoorat aur gahare arth vaale sher
सर्वत एम साहब ने सटीक बात कही कि आप उस्तादों के श्रेणी में हैं, हैं भी। आपके किसी शेर की कम तारीफ की जायें तो एक ही कारण हो सकता है कि पढ़ने वाला आपके भाव तक नहीं पहुँच पाया।
ReplyDeleteतिलक राज कपूर
एक बच्चा रो रहा है
ReplyDeleteक्या कहीं फिर बम फटा है
Bahut hi umda sher
daad ke saath
Devi nangrani
सुन्दर रचना है।बधाई।
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