
हम फ़कीरों का ठिकाना, है कहां
जब भी तुझको याद करते हैं सनम
खुद को ही बरबाद करते हैं सनम
आपके पहलू में निकले अपना दम
बस यही फरियाद करते हैं सनम
हम फ़कीरों का ठिकाना, है कहां
टूटे दिल आबाद करते हैं सनम
कैद जुल्फों में तेरी हम तो रहें
पर तुझे आजाद करते हैं सनम
खेल अपनी जान पर ही तो शलभ
इश्क जिन्दाबाद करते हैं सनम
कोशिशे नाकाम सारी जब हुईं
तब भला इमदाद करते हैं सनम
‘श्याम’ था दरवेश,था खानाखराब
पर उसे सब याद करते हैं सनम
फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,फ़ाइलुन shu zin b-23/110
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