कैसे बीती रात न पूछो
बिगड़े क्यों हालात न पूछो
दिल की दिल में ही रहने दो
दिल से दिल की बात न पूछो
ज्ञान ध्यान की सुन लो बातें
जोगी की तुम जात न पूछो
देखा तुमको दिल बौराया
भड़के क्यों जज़बात न पूछो
खेल मुहब्बत का है जारी
किस की होगी मात, न पूछो
प्रेम-नगर में 'श्याम सखा’ जी
क्या पायी सौगात, न पूछो
47dbgm
वाह बहुत सुन्दर
ReplyDeleteप्रेम नगर मे जो सौगात पाया उसका अन्दाज़ा तो हमे भी है.
दिल की दिल में ही रहने दो,
ReplyDeleteदिल से दिल की बात न पूछो
बहुत सुन्दर गजल !
हमारी तो ईद हो गयी गुरूवर इस खूबसूरत ग़ज़ल को पढ़कर..अहा!
ReplyDeleteजोगी की तुम जात न पूछो हो या किसकी होगी मात न पूछो...सारे के सारे अशआर खूब-खूब बन पड़े हैं...
वाह!
गज़ल पसन्द आयी. अच्छे शेर बन प्ड़े हैं.
ReplyDeleteखेल मोहब्बत का है ज़ारी
किसकी होगी मात न पूछो.
अच्छा है.
उत्तम ! उत्तम !! बेहतरीन ग़ज़ल है.
ReplyDeleteutkrisht rachana......har ek pankti laazbaaw
ReplyDeleteदिल की दिल मै...
ReplyDeleteबहुत सुंदर बात कही आप ने.
धन्यवाद
kiski hogi maat na puchho...
ReplyDeleteग्यान ध्यान की सुन लो बातें
ReplyDeleteजोगी की तुम जात न पूछो।
--यह शेर बहुत अच्छा लगा।
This is the best poem of yours.
ReplyDeletemaine jo aaj tak padhi hain un me se...
Sabhi sher bahut he achhe hain.....
Amazing........
sabhi sher behatareen, lajawaab, dheron badhaai.
ReplyDeleteshyaam ji , sorry aapse chat karte hue light gul ho gai thi ,so baat nahin kar paaye. aasha hai sheeghra hi mulakaat hogi. dhanyawaad.
Bahut Khubsurat Gazal!!
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत शेरों से सजी आपकी ये ग़ज़ल लाजवाब है...दाद कबूल करें.
ReplyDeleteनीरज
देखा तुमको दिल बौराया
ReplyDeleteभड़के क्यों जज्बात न पूछों
बढ़िया रही आपकी यह ग़ज़ल भी हमेशा कि ही तरह.
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
bahut khoob shyam sakha ji..
ReplyDeleteanand aa gaya..laazwaab..
गज़लों में जादू करता है
ReplyDeleteश्याम सखा की बात न पूछो
मेरे पास इसके अलावा कुछ नहीं है.
आदरणीय डॉ. श्याम जी,
ReplyDeleteक्या कमाल लिखा है। अश’आर सीधे-सीधे जेहन में उतर जाते हैं। ऐसा लगता है हमारी कलाईयों को आपके गंडे की प्रतीक्षा है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
कमाल के शेर हैं श्याम जी .......... उस्तादों को पढ़ कर मज़ा आ जाता है .........
ReplyDeleteआप सभी का हार्दिक आभार
ReplyDeleteश्याम सखा श्याम
tau g ram ram ram
ReplyDeleteek lath hamne bhi bhi ggad rakhya sa
shayrimust.blogspot.com
kade baja ke dekh liye
aacha chalan rotiyan ka tem ho gaya .
ram ram
प्रिय भाई, प्यारी-प्यारी ग़ज़ले कह रहे है आप. कभी मेरी गली भी आये . यानि देखें मेरा ब्लॉग-गिरीश पंकज नाम से ही है.
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