Sunday, September 13, 2009

फुटकर शे‘र नं-7 श्याम सखा श्याम






मुक्द्‌दर में लिक्खा जुदा होना था
होते जुदा, बेवफ़ा होना था


फ़ऊलुन,फ़ऊलुन,फ़ऊलुन,फ़ेलुन

6 comments:

  1. वाहवा

    अकथ पढ़ चुका हूं आज शाम तक प्रतिक्रिया भी मेल करूंगा
    प्रणाम

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर शुभकामनायें

    ReplyDelete
  3. वाह वेवफ़ा से अच्छा है जुदा होना.इक तोहमत से बचे..
    जबाब नही, बहुत खुब, चंद शव्दो मै कमाल कर दिया

    ReplyDelete
  4. न होता कुछ तो खुदा होता:)

    ReplyDelete
  5. kuchh na kuchh hona tha wo to ho gaya
    bewafa kah lo, ya kar lo alvida

    shyaam ji, futkar bha gaya, padh kar ye tooti footi panktian mind men aain so likh di.

    badhaai.

    ReplyDelete