जिन्दगी कब है मो‘तबर बाबा
ये तो है आरज़ी सफ़र बाबा
बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में
जान दी हमने जानकर बाबा
मेरे अश्कों मेरे नालों का
आप पर भी हुआ असर बाबा
जिसके साये में प्यार पलता है
काट देंगे वही शजर बाबा
खुशियां घटती नहीं हैं बँटने से
दर्द बढ़ता है फ़ैलकर बाबा
`श्याम’सच्चा है,सीधा सादा है
इसको आता नहीं हुनर बाबा
dbgm68
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