Monday, September 21, 2009

खेल मुहब्बत का है जारी- गज़ल

कैसे बीती रात न पूछो
बिगड़े क्यों हालात न पूछो

दिल की दिल में ही रहने दो
दिल से दिल की बात न पूछो

ज्ञान ध्यान की सुन लो बातें
जोगी की तुम जात न पूछो

देखा तुमको दिल बौराया
भड़के क्यों जज़बात न पूछो

खेल मुहब्बत का है जारी
किस की होगी मात, न पूछो

प्रेम-नगर में 'श्याम सखा’ जी
क्या पायी सौगात, न पूछो


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21 comments:

  1. वाह बहुत सुन्दर
    प्रेम नगर मे जो सौगात पाया उसका अन्दाज़ा तो हमे भी है.

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  2. दिल की दिल में ही रहने दो,
    दिल से दिल की बात न पूछो
    बहुत सुन्दर गजल !

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  3. हमारी तो ईद हो गयी गुरूवर इस खूबसूरत ग़ज़ल को पढ़कर..अहा!
    जोगी की तुम जात न पूछो हो या किसकी होगी मात न पूछो...सारे के सारे अशआर खूब-खूब बन पड़े हैं...

    वाह!

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  4. गज़ल पसन्द आयी. अच्छे शेर बन प्ड़े हैं.
    खेल मोहब्बत का है ज़ारी
    किसकी होगी मात न पूछो.

    अच्छा है.

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  5. उत्तम ! उत्तम !! बेहतरीन ग़ज़ल है.

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  6. utkrisht rachana......har ek pankti laazbaaw

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  7. दिल की दिल मै...
    बहुत सुंदर बात कही आप ने.
    धन्यवाद

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  8. ग्यान ध्यान की सुन लो बातें
    जोगी की तुम जात न पूछो।
    --यह शेर बहुत अच्छा लगा।

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  9. This is the best poem of yours.
    maine jo aaj tak padhi hain un me se...

    Sabhi sher bahut he achhe hain.....

    Amazing........

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  10. sabhi sher behatareen, lajawaab, dheron badhaai.

    shyaam ji , sorry aapse chat karte hue light gul ho gai thi ,so baat nahin kar paaye. aasha hai sheeghra hi mulakaat hogi. dhanyawaad.

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  11. बहुत खूबसूरत शेरों से सजी आपकी ये ग़ज़ल लाजवाब है...दाद कबूल करें.
    नीरज

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  12. देखा तुमको दिल बौराया
    भड़के क्यों जज्बात न पूछों

    बढ़िया रही आपकी यह ग़ज़ल भी हमेशा कि ही तरह.

    हार्दिक बधाई.

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

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  13. bahut khoob shyam sakha ji..
    anand aa gaya..laazwaab..

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  14. गज़लों में जादू करता है
    श्याम सखा की बात न पूछो
    मेरे पास इसके अलावा कुछ नहीं है.

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  15. आदरणीय डॉ. श्याम जी,

    क्या कमाल लिखा है। अश’आर सीधे-सीधे जेहन में उतर जाते हैं। ऐसा लगता है हमारी कलाईयों को आपके गंडे की प्रतीक्षा है।

    सादर,


    मुकेश कुमार तिवारी

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  16. कमाल के शेर हैं श्याम जी .......... उस्तादों को पढ़ कर मज़ा आ जाता है .........

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  17. आप सभी का हार्दिक आभार
    श्याम सखा श्याम

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  18. tau g ram ram ram
    ek lath hamne bhi bhi ggad rakhya sa
    shayrimust.blogspot.com
    kade baja ke dekh liye
    aacha chalan rotiyan ka tem ho gaya .
    ram ram

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  19. प्रिय भाई, प्यारी-प्यारी ग़ज़ले कह रहे है आप. कभी मेरी गली भी आये . यानि देखें मेरा ब्लॉग-गिरीश पंकज नाम से ही है.

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