Wednesday, October 14, 2009

फुटकर शे‘र नं-9- श्याम सखा‘श्याम’





आपसे क्या सलाह कर बैठे
जिन्दगी
हम तबाह कर बैठे

शे सुनने से पहले ही साहिब
आप
तो वाह-वाह कर बैठे

फ़ाइलातुन ,मफ़ाइलुन ,फ़ेलुन






मेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/

19 comments:

  1. वाह भाईसाहब वाह
    वाह-वाह कर बैठे का जवाब नहीं

    मैं अभी अपना वायदा नहीं निभा सका उसके लिये खेद है कल १५ अक्टूबर का दिल्ली में कविसम्मेलन है फिर एक सप्ताह फ्री हूं अकथ पर जो कथ्य होगा कहूंगा

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  2. वाह --- वाह
    यकीन मानिये पढने के बाद वाह वाह कर रहा हूँ

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  3. wah wah wah, behatareen. main bhi padhne ke baad.

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  4. अजी हम वाह वाह नही बधाई देने आये है, तो पहले आप की वाह वाह पढ ली तो उधारी चुकाने के लिये वापस वाह वाह दे रहे है...
    वाह वाह क्या सेर या सवा सेर है जी, यानि जो भी है, मजा आ गया.
    धन्यवाद
    आप को ओर आप के परिवार को दीपावली की शुभ कामनायें

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  5. अरे वाह!! आप क्या कह बैठे!!हम पढने के बाद साहिब, वाह-वाह कर बैठे..अभी तक कर ही रहे हैं....गुदगुदाने वाले शे’र....शुभ दीपावली..

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  6. kya baat haiii.sher nahi aam aadmi ki fitrat bayaan kar di aapne.badhai.deepotsav ki bhi hardik shubhkamnayen.

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  7. शेर सुनने और गुनने के बाद:

    वाह वाह!!

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  8. श्याम जी शेर पढ़ कर बिना वाह किये रहा नहीं गया..वाह वाह...
    दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं
    नीरज

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  9. वाह-वाह वाह-वाह वाह-वाह वाह-वाह
    आपको दिपावली की मगल कामनाऐ।
    आभार।

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  10. शेर पढने के बाद वाह वाह कर रहा हूं
    दीपोत्सव की कोटि-कोटि शुबकामनाओं के साथ-

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  11. वाह, वाह !
    आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये !

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  12. सुंदर व्यंजनाएं।
    दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
    आप ब्लॉग जगत में निराला सा यश पाएं।

    -------------------------
    आइए हम पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।

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  13. वाह-वाह वाह

    सुख, समृद्धि और शान्ति का आगमन हो
    जीवन प्रकाश से आलोकित हो !

    ★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए
    ★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★


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  14. वाह वाह
    यकीन मानिये यह वाह वाह शेर पढने के बाद किया है.

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  15. आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं.

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  16. दोनों ही शेर काबिले तारीफ .वाह! बधाई!!

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  17. आपसे क्या सलाह कर बैठे
    जिन्दगी हम तबाह कर बैठे

    शे‘र सुनने से पहले ही साहिब
    आप तो वाह-वाह कर बैठे

    आइना दिखने का शुक्रिया.............
    अपनी सभी गलतियों के लिए माफ़ी अर्ज़ करता हूँ, और कर भी क्या सकता है.

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

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  18. शेर की तारीफ तो आपने खुद ही कर दी इस लिए खामोश हूँ. एक सवाल ने उलझन में डाल दिया है, देखिये, बताइयेगा जरूर, छुपाइयेग मत.... ' वो कौन थी.'

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