Wednesday, January 13, 2010

कुछ फ़ुटकर शे‘र-११

यूं भला कब तक मेरा इम्तिहान लोगे तुम
इस तरह तो एक दिन मेरी जान लोगे तुम

है खड़ी इक फ़स्ल गम की दिल में मेरे
दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम

एक पैसा दे के मैने दुआ थी चाही जब
कह उठा तब था फकीर आसमान लोगे तुम ?


फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,मफ़ाइलुन,फ़ेलुन




मेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/

23 comments:

  1. एक पैसा दे के मैने दुआ थी चाही जब
    कह उठा तब था फकीर आसमान लोगे तुम ?
    लाजवाब शेर हैं बधाई

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  2. यूं भला कब तक मेरा इम्तिहान लोगे तुम
    इस तरह तो एक दिन मेरी जान लोगे तुम

    बेबाकी तथा साफगोई का बयान ...

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  3. है खड़ी इक फ़स्ल गम की दिल में मेरे
    दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम

    बहुत सुन्दर शेर ।

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  4. बहुत सुंदर जी हमेशा की तरह.धन्यवाद

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  5. तल्ख़ शेर है.. सपाट बयानी है... आनद आया.

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  6. है खड़ी इक फ़स्ल गम की दिल में मेरे
    दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम...
    बेहतरीन ,आनंद आ गया.

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  7. बहुत ही सुन्दर और मनोहारी रचना...

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  8. wow shyam ji

    aakhir ke 2 sher to sach me zindagi ki reality bayaan karte hain........

    Loved them...........really these lines can be written by only a mature poet like you......

    warna ham to soch bhi nahi sakte.......aisa likhne ki.........

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  9. एक पैसा दे के मैने दुआ थी चाही जब
    कह उठा तब था फकीर आसमान लोगे तुम ?


    -वाह जी वाह!! क्या बात कही है साहेब!!

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  10. जब बात अपनी ही सी लगे , तो सचमुच वो बेहतर बयान होती है |

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  11. है खड़ी इक फ़स्ल गम की दिल में मेरे
    दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम


    वाह...वाह
    लाजवाब शेर हैं
    बधाई


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  12. wahh kya baat hai shyam ji..

    dil ko chhoo lene wali rachna...

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  13. प्‍यारे भावों वाले शेर हैं।

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  14. एक पैसा दे के मैने दुआ थी चाही जब
    कह उठा तब था फकीर आसमान लोगे तुम ?...

    क्या बात है सर ......... मज़ा आ गया ... बहुत ही कमाल के शेर हैं ......

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  15. है खड़ी इक फ़स्ल गम की दिल में मेरे
    दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम

    Waah ! Waah ! Waah ! Lajawaab...bahut bahut lajawaab !!!

    Kamaal ke sher hain...pooree gazal hi lajawaab hai....aanand aa gaya padhkar...

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  16. है खड़ी इक फ़स्ल गम की दिल में मेरे
    दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम...

    कमाल के शेर !!!

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  17. सभी अश’आर काबिले तारीफ़ है
    एक पैसा दे के मैने दुआ थी चाही जब
    कह उठा तब था फकीर आसमान लोगे तुम ?

    वाह!
    सादर

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  18. है खड़ी इक फ़स्ल गम की दिल में मेरे
    दर्द की इस फ़स्ल का भी लगान लोगे तुम

    बहुत खूब...
    तीनों शेर लाजवाब हैं...एक से बढ़ कर एक...हमेशा की तरह...!!

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  19. ... बेहतरीन शेर,बधाई !!!!!

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  20. एक पैसा दे के मैने दुआ थी चाही जब
    कह उठा तब था फकीर आसमान लोगे तुम ?

    lajawab , behtareen, I am stunned.... very nice...

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