Sunday, August 2, 2009

एक फ़ुटकर शे'र/ श्याम सखा




यूं तो जब तब है घन बरसे
सावन तब है जब मन बरसे

मित्रो आज यहां जेनेवा जमकर बारिश हो रही है तो एक पुराना शे'र याद आया आपकी नजर कर रहा हूं

9 comments:

  1. सही फरमाया -- सावन एक एहसास है
    बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  2. वाह बहुत खूब...और भीगने को हम सब तरसे

    ReplyDelete
  3. waah bahut hi sundar kaha aapane .....natmastak

    ReplyDelete
  4. दो पंक्तियाँ बहुत कुछ कह गयी ...श्याम जी .....बेहद खूबसूरत

    ReplyDelete