बहुत सुंदर लिखा आप ने धन्यवाद
बहुत सुंदर...
jaandaar sher hain badhaai.
अक्स दिखलाने से तो हटते नहीं हैं आइने.यही ग़ज़ल की भूमिका है. बहुत खूब.
होते अगर न आईने तो झूठ भी न होता रहमदिल जमी होती मेहरबां आसमां होता
टूट जाते हैं बिखर जाते है फ़िर भी दोस्तो अक्स दिखलाने से तो हटते नहीं हैं आइने... behatreen !!!!!!
नववर्ष मंगलमय हो व आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।सुन्दर प्रस्तुति
बहुत सुंदर लिखा आप ने
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत सुंदर...
ReplyDeletejaandaar sher hain badhaai.
ReplyDeleteअक्स दिखलाने से तो हटते नहीं हैं आइने.
ReplyDeleteयही ग़ज़ल की भूमिका है. बहुत खूब.
होते अगर न आईने तो झूठ भी न होता
ReplyDeleteरहमदिल जमी होती मेहरबां आसमां होता
टूट जाते हैं बिखर जाते है फ़िर भी दोस्तो
ReplyDeleteअक्स दिखलाने से तो हटते नहीं हैं आइने
... behatreen !!!!!!
नववर्ष मंगलमय हो व आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति