खुशबुओं का सफर है जिन्दगी
अजनबी सी मगर है जिन्दगी
फ़िक्र तेरी मेरी सभी की है
खुद से पर बेखबर है जिन्दगी
साँस धड़कन ही सिर्फ है नहीं
है कलेजा जिगर है जिन्दगी
सुर्खियों की ललक ने दी बना
हादसों की खबर है जिन्दगी
औरतों के नसीब से लगा
बेबसी का नगर है जिन्दगी
चल रहा हूं अकेला दोस्तो
अब कहां हमसफर है जिन्दगी
मौत मन्जिल अगर है”श्याम जी’
साँस की बस डगर है जिन्दगीफ़ाइलुन,फ़ाइलुन,मफ़ाइलुन
मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/
चल रहा हूं अकेला दोस्तो
ReplyDeleteअब कहां हमसफर है जिन्दगी
बहुत खूब
bahut sundar kavita............sundar rachana
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteमित्र दिवस की शुभकामनाये ....
हम सब ही अकेले ही चलते है बस थोडी थोडी दुर कॊई किसी ना कीसी रुप मै साथ देने आ जाता है, बहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteश्याम जी अच्छी ग़ज़ल है...ग़ज़ल पूरी ही अच्छी थी मगर ये शेर हमें खास पसंद आया...दाद क़ुबूल फरमाएं
ReplyDeleteचल रहा हूं अकेला दोस्तो
अब कहां हमसफर है जिन्दगी
चल रहा हूं अकेला दोस्तो
ReplyDeleteअब कहां हमसफर है जिन्दगी
मौत मन्जिल अगर है”श्याम जी’
साँस की बस डगर है जिन्दगी
ये ग़ज़ल बहुत बढ़िया लगा.
ReplyDeleteवाह! क्या बात है! बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteshyaam ji bhut khub achchi gzl he mubaark ho. akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDeleteक्या आपने हिंदी ब्लॉग संकलन के नए अवतार हमारीवाणी पर अपना ब्लॉग पंजीकृत करा लिया है?
ReplyDeleteइसके लिए आपको यहाँ चटका (click) लगा कर अपनी ID बनानी पड़ेगी, उसके उपरान्त प्रष्ट में सबसे ऊपर, बाएँ ओर लिखे विकल्प "लोगिन" पर चटका लगा कर अपनी ID और कूटशब्द (Password) भरना है. लोगिन होने के उपरान्त "मेरी प्रोफाइल" नमक कालम में अथवा प्रष्ट के एकदम नीचे दिए गए लिंक "मेरी प्रोफाइल" पर चटका (click) लगा कर अपने ब्लॉग का पता भरना है.
हमारे सदस्य "मेरी प्रोफाइल" में जाकर अपनी फोटो भी अपलोड कर सकते हैं अथवा अगर आपके पास "वेब केमरा" है तो तुरंत खींच भी सकते हैं.
http://hamarivani.blogspot.com
नाज़ुक सी ग़ज़ल को अलफ़ाज़ का बेहद खूबसूरत दयार बख्शा है श्याम जी
ReplyDeleteयूँ तो सारे शेर गुनगुनाने लायक हैं...मगर इस खाकसार के ये दो शेर बहुत पसंद आये...
चल रहा हूं अकेला दोस्तो
अब कहां हमसफर है जिन्दगी
मौत मन्जिल अगर है”श्याम जी’
साँस की बस डगर है जिन्दगी
यह जिन्दगी का फलसफा बन गया है ।
ReplyDeleteचल रहा हूँ अकेले दोस्तो
अब कहां हमसफर है जिन्दगी
sunder rachna...
ReplyDeleteबहुत शानदार और उम्दा!
ReplyDeletewah shyam ji aap ke rang sada hi niraale hain...
ReplyDeleteसाँस धड़कन ही सिर्फ है नहीं
ReplyDeleteहै कलेजा जिगर है जिन्दगी
सुर्खियों की ललक ने दी बना
हादसों की खबर है जिन्दगी..
बहुत अच्छी लगी ये पंक्तियाँ! बेहद ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना! बधाई!
साँस धड़कन ही सिर्फ है नहीं
ReplyDeleteहै कलेजा जिगर है जिन्दगी
बहुत सही कहा ।
आज एक दर्द सा है रचना में ।
बहुत सुन्दर गजल है।बधाई।
ReplyDeleteअच्छी रचना। बधाई।
ReplyDeleteachhi gazal ke liye bhadai
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