Monday, November 29, 2010
एक फुट्कर शेर
सुनते हैं दिल में प्यार रहता है
फ़िर भी दिल बेकरार रहता है
गुल गुलामी करे है मौसम की
मस्त हर वक्त खार रहता है
मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/
3 comments:
Indranil Bhattacharjee ........."सैल"
11/29/10, 3:54 PM
बढ़िया शेर ! प्यार ही तो बेक़रार करता है ...
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अर्चना तिवारी
11/29/10, 4:10 PM
bahut sunder she'r
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चंद्रमौलेश्वर प्रसाद
11/29/10, 9:41 PM
बहुत दिनों बाद डॊक्टर सा’ब :)
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बढ़िया शेर ! प्यार ही तो बेक़रार करता है ...
ReplyDeletebahut sunder she'r
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद डॊक्टर सा’ब :)
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