गुल गुलामी करे मौसम की ...खार हमेशा मस्त रहता है ...खार ही क्यों न बन जाएँ सब जबकि ...गुलों से खार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं !
दिल में प्यार रहता हैतभी तो उसे दिलदार कहता है :)
बहुत खूब कहा। बधाई।
बहुत खूब !
गुल गुलामी करे मौसम की ...
ReplyDeleteखार हमेशा मस्त रहता है ...
खार ही क्यों न बन जाएँ सब जबकि ...
गुलों से खार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं !
दिल में प्यार रहता है
ReplyDeleteतभी तो उसे दिलदार कहता है :)
बहुत खूब कहा। बधाई।
ReplyDeleteबहुत खूब !
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