श्याम जी बेवफा नहीं हैंतो दोस्ती का फ़र्ज़ निभाइए,मेरी कविता पढ़िए उसपरकुछ बोलकर दिखाइए....
वाह! शेर पर सवा शेर ।
इस स्वीकारोक्ति के बाद कुछ कहने-सुनने को रह ही नहीं जाता।
क्या बात है....
kya khub likha hai....jai hind jai bharat
तो प्रमाणित हो ही गया कि बेवफ़ा कौन है :)
बेहद ख़ूबसूरत और लाजवाब शेर ! मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-http://seawave-babli.blogspot.com/http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
he he kya sher kaha hai
दौरे अलम में जिसने साथ दिया बेचैन वो शख्स मेरी नजर में एक मसीहा था
श्याम जी बेवफा नहीं हैं
ReplyDeleteतो दोस्ती का फ़र्ज़ निभाइए,
मेरी कविता पढ़िए उसपर
कुछ बोलकर दिखाइए....
वाह! शेर पर सवा शेर ।
ReplyDeleteइस स्वीकारोक्ति के बाद कुछ कहने-सुनने को रह ही नहीं जाता।
ReplyDeleteक्या बात है....
ReplyDeletekya khub likha hai....
ReplyDeletejai hind jai bharat
तो प्रमाणित हो ही गया कि बेवफ़ा कौन है :)
ReplyDeleteबेहद ख़ूबसूरत और लाजवाब शेर !
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
he he kya sher kaha hai
ReplyDeleteदौरे अलम में जिसने साथ दिया बेचैन
ReplyDeleteवो शख्स मेरी नजर में एक मसीहा था