Monday, August 22, 2011

मीरा -श्याम -जन्म अष्टमी पर विशेष


राह मिल्यो वो छैल छबीलो


जब तैं प्रीत श्याम सौं कीनी
तब तैं मीरां भई बांवरी,प्रेम रंग रस भीनी 
तन इकतारा,मन मृदंग पै,ध्यान ताल धर दीनी
 
अघ औगुण सब भये पराये भांग श्याम की पीनी
 
राह मिल्यो वो छैल-छ्बीलो,पकड़ कलाई लीनी
 
मोंसो कहत री मस्त गुजरिया तू तो कला प्रवीनी

लगन लगी नन्दलाल तौं सांची हम कह दीनी 
जनम-जनम की पाप चुनरिया,नाम सुमर धोय लीनी
 
सिमरत श्याम नाम थी सोई,जगी तैं नई नवीनी
 
जब तैं प्रीत श्याम तैं कीनी



मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर ...जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

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  2. जन्माष्टमी की बधाई डॉक्टर साहब॥

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  3. बहुत खूब .. जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ !!

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