Tuesday, July 10, 2012

गैस एजेंसी बाप मरने पर मिली तो, कह उठा-gazal by Dr shyam skha shyam

 
64
मरना तो आसान है  पर जीना है मुश्किल बहुत
चल पड़े इक बार तो  मिल जाएंगी मंजिल बहुत

छोड़िये कश्ती को आप   इक बार तो मझधार में
बाट जोहेंगे  हजरत!     आपकी  साहिल  बहुत

हो गया आसां बहुत ही  आजकल ये  प्यार तो
क्योंकि हैं मिलने लगे यारो उधार अब दिल बहुत

हो चले मायूस थे हम लोग सब के सब  मगर
आपके आने से तो है जम गई महफ़िल  बहुत

गैस एजेंसी बाप मरने पर मिली तो, कह उठा
यार अपने काम आया अबके है करगिल बहुत

साफगोई की  वजह से   ही कबाड़ा  हो गया
श्याम था वर्ना सभी के प्यार के काबिल बहुत

फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,फ़ाइलुन



मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/

4 comments:

  1. जिंदगी का ये सफ़र आसान था गर सोचते
    रास्‍ते भी कम नहीं थे, और थीं मंजि़ल बहुत।

    ReplyDelete
  2. badiya gazal, naye khayalon ke sath.... badhai bhai saab...

    ReplyDelete