Tuesday, September 21, 2010

बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में - gazal

 जिन्दगी कब है मो‘तबर बाबा
ये तो है आरज़ी सफ़र   बाबा

बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में
जान दी हमने  जानकर बाबा

मेरे अश्कों मेरे नालों का
आप पर भी हुआ असर बाबा

जिसके साये में प्यार पलता है
काट देंगे वही शजर  बाबा

खुशियां घटती नहीं हैं बँटने से
दर्द बढ़ता है   फ़ैलकर   बाबा

`श्याम’सच्चा है,सीधा सादा है
इसको आता नहीं हुनर बाबा

dbgm68

मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/

9 comments:

  1. बेहतरीन ....वाह!!!!
    जिसके साये में प्यार पलता है
    काट देंगे वही शजर बाबा

    खुशियां घटती नहीं हैं बँटने से
    दर्द बढ़ता है फ़ैलकर बाबा

    `श्याम’सच्चा है,सीधा सादा है
    इसको आता नहीं हुनर बाबा

    बेमिसाल ग़ज़ल के लिए शुक्रिया|

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  2. बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में
    जान दी हमने जानकर बाबा

    खुशियां घटती नहीं हैं बँटने से
    दर्द बढ़ता है फ़ैलकर बाबा
    वाह ! बेहद उम्दा ...आभार
    यहाँ भी पधारे
    विरक्ति पथ

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  3. आरज़ियत का जवाब नहीं.............

    वाह....बहुत ख़ूब !

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  4. ‘ये तो है आरज़ी सफ़र बाबा’
    फिर भी हमे कितना लगाव होता है जीवन से !!!!!!

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  5. बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में
    जान दी हमने जानकर बाबा

    मेरे अश्कों मेरे नालों का
    आप पर भी हुआ असर बाबा

    जिसके साये में प्यार पलता है
    काट देंगे वही शजर बाबा

    खुशियां घटती नहीं हैं बँटने से
    दर्द बढ़ता है फ़ैलकर बाबा
    kua kahoo........

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  6. लाजवाब ! बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल !

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  7. रोचक और सुन्दर

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  8. सुन्दर,सच्चे प्यार करने वाले ही जानते हैं,
    जिसके साये में प्यार पलता है
    काट देंगे वही शजर बाबा
    बेवफ़ाई थी उसकी फ़ितरत में
    जान दी हमने जानकर बाबा
    सुन्दर ग़ज़ल

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