Thursday, July 9, 2009

फ़ुटकर -शे‘र---3




यूं तुझको भूल जाता इतना मैं नादान कब था
वैसे तुझको भुलाना मेरी जां आसान कब था

मफ़ाएलुन,मफ़ाएलुन,मफ़ाएलुन,फ़ऊलुन

गलतियां आखिर गलतियां ही होती हैं ना,अब देखिये गलतियां ड्राफ़्ट में पड़ीं थी अपनेआप गलती से दोबारा पोस्ट हो गई-असुविधा के लिये खेद है
श्याम

12 comments:

  1. यूं तुझको भूल जाता इतना मैं नादान कब था
    वैसे तुझको भुलाना मेरी जां आसान कब था

    खूबसूरत है शेर ............ लाजवाब .....sach much bhulaana aasaan नहीं hota

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  2. बहुत ही बेहतरीन कहा आपने !!

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  3. aapane sahi kaha ki bhulana asaan nahi tha.......badhaaee

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  4. एक उम्दा शेर.

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  5. यूं तुझको भूल जाता इतना मैं नादान कब था
    वैसे तुझको भुलाना मेरी जां आसान कब था....
    वाह.

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  6. bahut bole toh bahut khoob !
    ekdam jhakaas !

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  7. ये फुटकर कहां है, दिल के मरीज़ से पूछ कर तो देखो.

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  8. दिल से फ़ूटा इसलिये फ़ुटकर कहलाया-काजल कुमार जी
    श्याम सखा

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  9. यूं
    तुझको
    भूल
    जाता
    इतना
    मैं
    नादान
    कब
    था
    वैसे
    तुझको
    भुलाना
    मेरी
    जां
    आसान
    कब
    था.
    Shyam bhai<
    bahut gazab ka sher kaha aapne .mujhe doobne ke liye majboor kar diya dil se dil tak pahuchane ke liye badhai!

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  10. ब्लाग जगत में आपको देखकर बहुत खुशी हो रही है. आपकी ग़ज़लें पढकर जी प्रसन्न हो गया. मेरा प्रणाम स्वीकारें.

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  11. bahut bahut shukriya aise achhi rachna likhne ke liye shyam ji...
    i have become ur follower now...
    aap bhi aate rahiyega...

    http://shayarichawla.blogspot.com/

    thanks...

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