BAHUT SUNDAR .....BADHAAI
कमाल का शेर---चाँद, बादल और शाम
kahane sunane men dil ??????
बढिया कहा आपने... मगरकहने को क्या है, सुनने को क्या हैलफ़्जों का दर्द है, लफ़्जों की दवा है
bhaut achha ji...excellent
वाह...सुभान अल्लाह ...नीरज
futkar sher ne bhi shama bhand di..badhiya laga...badhyai
मेरे लफ़्जों की बुनकरी आप दिल से कबूलते हैं तहे दिल से शुक्रियाअनाम जीगीत कानो से नहीं दिल से सुना जाता हैश्याम सखा श्याम
शेर क्या है, मानो लोटे में समन्दर भरा है।
बहुत ख़ूब!
क्या खूब कहा !!
umda she'r
VAAH.
दिल की जगह अगर कान कर दें ( वज़न देखकर) तो एक नई बात हो जायेगी ,बाकी बढिया कहा है
कमाल का शेर....
गलत ना सुने जो,गलत ना कहे जो,उसीका जुवां-दिल मिलना है वाज़िव।
लाजवाब...पूरी ग़ज़ल सुनने को तड़प उठे हम तो
सुभान अल्ला कितना मज़ा आ गया इस शेर में....... कमाल है
लाजवाब शेर।-Zakir Ali ‘Rajnish’ { Secretary-TSALIIM & SBAI }
BAHUT SUNDAR .....BADHAAI
ReplyDeleteकमाल का शेर
ReplyDelete---
चाँद, बादल और शाम
kahane sunane men dil ??????
ReplyDeleteबढिया कहा आपने... मगर
ReplyDeleteकहने को क्या है, सुनने को क्या है
लफ़्जों का दर्द है, लफ़्जों की दवा है
bhaut achha ji...
ReplyDeleteexcellent
वाह...सुभान अल्लाह ...
ReplyDeleteनीरज
futkar sher ne bhi shama bhand di..
ReplyDeletebadhiya laga...
badhyai
मेरे लफ़्जों की बुनकरी आप दिल से कबूलते हैं तहे दिल से शुक्रिया
ReplyDeleteअनाम जी
गीत कानो से नहीं दिल से सुना जाता है
श्याम सखा श्याम
शेर क्या है, मानो लोटे में समन्दर भरा है।
ReplyDeleteबहुत ख़ूब!
ReplyDeleteक्या खूब कहा !!
ReplyDeleteumda she'r
ReplyDeleteVAAH.
ReplyDeleteदिल की जगह अगर कान कर दें ( वज़न देखकर) तो एक नई बात हो जायेगी ,बाकी बढिया कहा है
ReplyDeleteकमाल का शेर....
ReplyDeleteगलत ना सुने जो,गलत ना कहे जो,
ReplyDeleteउसीका जुवां-दिल मिलना है वाज़िव।
लाजवाब...
ReplyDeleteपूरी ग़ज़ल सुनने को तड़प उठे हम तो
सुभान अल्ला कितना मज़ा आ गया इस शेर में....... कमाल है
ReplyDeleteलाजवाब शेर।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }