Tuesday, February 10, 2009

समझें रुक्नों के समकक्ष हिन्दी शब्द

कुछ मित्र ,गज़ल छंद में प्रयुक्त फ़ारसी शब्दावली से घबरा जाते हैं उनके लिये रुक्नो [खण्डों] में हम ये समकक्ष शब्दावली दे रहे हैं केवल छंद
के ध्वनि रूप को ्समझने हेतु है,हम कोई नई शब्दवली गढ़्ने का प्रयास नहीं कर रहे।आगे चलकर केवल उर्दू रुक्न भी दिये जा रहे हैं वज्न सहित

फ़ अल= च,मन [चमन] १,२ लघु,गुरू

फ़ा= बो या आ २ गुरू
फ़ाअ या फ़ेल=बोल=२,१ गुरू,लघु
फ़ेलान= बो ला न = २२१
फ़ाइलात या फ़ाइलान=बोलचाल=२,१,२,१
फ़ाइलातुन=वो चला मन या चलचलाचल=२१२२ गुरू लघु गुरू गुरू[इस अन्तिम गुरू की जगह दो लघु यथा चल आ सकते हैं।
फ़ाइलुन=आचमन=२,१,११ या २,१,११ यहाँ२ के बाद आये लघु के बाद ,[कोमा] इस बात को बतलाता है कि यहाँ आने वाला वर्ण हर हालत में लघु
होना चाहिये स्वयंमेव या मात्रा गिरा कर जबकि इस लघु के बाद भी दो लघु हैं पर इनके बीच मे,कोमा न रहने से
इन दोलघु के स्थान पर गुरू आ सकता है पर हम यहाँ पहले और दूसरे लघु को मिला कर गुरू नहीं ला सकते,यह बात आगे आने वाले पाठ में भी जारी रहेगी यानि जिस लघुके बाद कोमा का
प्रयोग है वहाँ अनिवार्य लघु आयेगा ]

फ़,इ,लात=च,न,बोल= १,१,२१
फ़,इ,लातुन=च,न,ओमन=१,१,२११ या १,१,२२

फ़,इ,लुन=च,न,मन=१,१,११ या १,१,२

फ़ऊ=चलो= १,२
फ़ऊल=च,लो,न,=१,२,१
फ़ऊलुन= च,लोचल=१२११=१२२
फ़ेलुन= आचल=२११ या २२ [१के बाद कोमा न आने से २ यानि गुरू का प्रयोग भी उचित माना जाता है ]
[रोक बरसती इन आँखों को,मीठी यादें खारी मत कर यहाँ रो [क ब] रसती या मत कर सभी २२ हैं]

म,फ़ा,इ,ल,तुन=चला च,न,मन=१२,१,१,११ या १,२,१,१,२=लघु,गुरू,लघु,लघु,गुरू
मफ़ाइलुन=चला चमन,१,२,१,११
मफ़ाईल , फ़ ऊलान = चलाआम= १,२,२,१
मफ़ाईलुन= चला आ मन=१,२,२,२ या १,२,२,११
मफ़ऊल=मन बोल=११२.१, या २२.१,
मफ़ऊलात=मन बोला म=११२२१,या २२२,१.[यहाँ अन्तिम लघु अनिवार्य है]

मफ़ऊलातुन=मनबोलमन= ११२२११

मफ़ऊलुन=मनओमन=११२११
मुतफ़ाइलुन=चनआचमन=१,१,२,१,११=१,१,२,१,२ लघु लघु गुरू लघु गुरू [या दो लघू]
मुतफ़इलुन =च न च न मन=१,१,१,१,२ [या ११दो लघू]
मुस्तफ़इलुन=मन मन च मन=११,११ १, ११=२२ १

No comments:

Post a Comment