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सवाल आप हैं गर तो जवाब हम भी हैं
हैं ईंट आप तो पत्थर जनाब हम भी हैं
शरीफ़ हम हैं शरीफ़ों के वास्ते साहिब
जो हो खराब कोई तो खराब हम भी हैं
नहीं है यूं तो जमीं आज अपने पाँव तले
फ़लक को छूलें,सँजोए ख्वाब हम भी हैं
न बाज़ आए अगर आप जुल्म ढ़ाने से
तो अपने दिल में लिये इन्किलाब हम भी हैं
बहेलिये से यूं बचकर चली कहाँ चिड़िया
तेरी फिराक में बैठे उकाब हम भी हैं
बहुत गुमान है शब को सियाह चादर का
तो जान ले वो कि इक आफ़ताब हम भी हैं
आज हम एक और वज्न-जो सभी शायरों
बहुत पसन्दीदा वज्न है पर बात कर रहे हैं
इस में अनेक फ़िल्मी गीत भी लिखे गये हैं
मफ़ाइलुन,फ़इलातुन,मफ़ाइलुन,फ़ेलुन
१ २ १ २ १ १ २ २ १ २ १ २ २ २
लाल रंग वाले लघु अनिवार्य रहेंगे
हर जवाब पर ला जवाब हो जाए कोई
ReplyDelete...कुछ ऐसे अशार ये भी हैं ....
नहीं है यूं तो जमीं आज अपने पाँव तले
फ़लक को छूलें,सँजोए ख्वाब हम भी हैं
और इस शेर पर तो जज्बे को सलाम करनें को जी चाहता है ....
बहुत गुमान है शब को सियाह चादर का
तो जान ले वो कि इक आफ़ताब हम भी हें
बेहतरीन ...श्याम जी .....
सादर ,
सुजाता
श्याम जी बहुत ही बढ़िया, आपके ब्लॉग पर आना बहुत अच्छा लगा!
ReplyDeleteआदरणीय श्याम जी ,
ReplyDeleteक्या मैं आपकी यह दोनों गज़ल अपनें favouraite पोएट के ब्लॉग पर पोस्ट कर सकती हूँ ....एक ब्लॉग बनानें की सोच रही हूँ ...जिसमें उन सब poets /poetess की गज़ल \गीत डालना चाहती हूँ जो मुझे बहुत पसंद हैं ...कृपया बताएं
सादर ,
सुजाता
सुजाता जी’शौक से करें और संभव हो तो शायर-श्याम सखा ‘श्याम’
ReplyDeletehttp://gazalkbahane.blogspot.com/ से साभार यह लिख दें
शुक्रिया श्याम जी ब्लॉग बन जानें पर आपको सूचित कर दूंगी
ReplyDeleteसादर ,
सुजाता
बढ़िया गज़ल और साथ में बहर की जानकारी के लिये शुक्रिया........
ReplyDeleteGautam ji ke blog se aaya...
ReplyDeleteaana 'safal' raha nahi kahoonga...
kyunki yahan aakar jo anubhooti hui usko 'safal' word can't justify.
It was ....... (something more than that).
------------wah ! wah!!-----------------
sir bas apki ghazal main ek hi baat thodi ajeeb lagti hai ismein individualism chalakta hai:
सवाल आप हैं गर तो जवाब हम भी हैं
हैं ईंट आप तो पत्थर जनाब हम भी हैं
Namastey Shayaam Ji..
ReplyDeleteMujhe Ghajal Vidha ka Itna Gyaan to nahi hai. Par Lekhni ki Taraf Hamesha se Aakarshit Rha hun.. Kabhi-Kabhaar Likh bhi leta hun.. Aapke Blog ke baare mein Jan'ne ke Baad yahan aaya.. Yakeen Kijiye Tasalli ho gyi. Behatreen Blog or Behtareen Ghajals....
Badhaai Swikaar Karein...
Sadar :
Harvinder Singh Labana
Thanx Labanaji
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