Monday, March 1, 2010

तू आए तो मने दीवाली मेरे दिल की खोली में

 करता हूं  हर साल
तेरा इन्तजार होली में






तू आए तो मने दीवाली
मेरे दिल की खोली में













और फ़िर ऐ जानेमन
आए मुन्ना या मुन्नी
हर साल तेरी झोली में







 जो बात है तेरी आंखो में
कहां वो किसी बन्दूक की गोली में








राधा का श्याम है वो तो-मीरा का श्याम है
गोपियों मे मिल जाएगी इक आध मुझे भी
यह सोच के बना था  मैं ‘श्याम सखा’ ग्वाल टोली में







पर मीरां राधा ही नही
फ़िदा थीं सब गोपियां श्याम पर
नहीं टपका कोई हसीन आम मेरी झोली में











बुरा न माने कोई गोपी
और ‘श्याम’ जी आप भी

मुझको चढी है इस बार भी भांग होली में









मेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/

6 comments:

  1. बहुत उम्दा!

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  2. मुझको चढी है इस बार भी भांग होली में

    बहुत बढ़िया होली की फुहारें।
    बधाई और होली की शुभकामनायें।

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  3. भंग की तरंग में होली की पिचकारियों और रंगो के क्या कहने

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  4. बुरा न माने कोई गोपी
    और ‘श्याम’ जी आप भी
    मुझको चढी है इस बार भी भांग होली में,
    वाह,शुभ होली

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  5. Waah! bahut sahi chadi hai bhaang holi me
    sundar rachana hi kar dali aapane to hasi thitholi me!!
    Sapariwar holi ki shubhkaamnae swikaar kare!!

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