करता हूं हर साल
तेरा इन्तजार होली में
तू आए तो मने दीवाली
मेरे दिल की खोली में
और फ़िर ऐ जानेमन
आए मुन्ना या मुन्नी
हर साल तेरी झोली में
जो बात है तेरी आंखो में
कहां वो किसी बन्दूक की गोली में
राधा का श्याम है वो तो-मीरा का श्याम है
गोपियों मे मिल जाएगी इक आध मुझे भी
यह सोच के बना था मैं ‘श्याम सखा’ ग्वाल टोली में
पर मीरां राधा ही नही
फ़िदा थीं सब गोपियां श्याम पर
नहीं टपका कोई हसीन आम मेरी झोली में
बुरा न माने कोई गोपी
और ‘श्याम’ जी आप भी
मुझको चढी है इस बार भी भांग होली में
मेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/
बहुत उम्दा!
ReplyDeletewah wah bahut badhia.
ReplyDeleteमुझको चढी है इस बार भी भांग होली में
ReplyDeleteबहुत बढ़िया होली की फुहारें।
बधाई और होली की शुभकामनायें।
भंग की तरंग में होली की पिचकारियों और रंगो के क्या कहने
ReplyDeleteबुरा न माने कोई गोपी
ReplyDeleteऔर ‘श्याम’ जी आप भी
मुझको चढी है इस बार भी भांग होली में,
वाह,शुभ होली
Waah! bahut sahi chadi hai bhaang holi me
ReplyDeletesundar rachana hi kar dali aapane to hasi thitholi me!!
Sapariwar holi ki shubhkaamnae swikaar kare!!