मुझको झूठ कभी रास नहीं आया
सुनकर सच कोई पास नहीं आया
समझे कौन भला अब दुख हाकिम का
हुक्म बजाने को दास नहीं आया
भूखे पेट सदा सोये हम यारो
भूखे पेट सदा सोये हम यारो
करना लेकिन उपवास नहीं आया
पाँव बुजुर्गों के दाबे हैं हमने
यार हुनर यह अनायास नहीं आया
ईद दिवाली होली त्यौहार गए
अम्मा हिस्से अवकाश नहीं आया
यार महाभारत बच जाता,करना
पाँचाली को उपहास नहीं आया
ईद दिवाली होली त्यौहार गए
अम्मा हिस्से अवकाश नहीं आया
यार महाभारत बच जाता,करना
पाँचाली को उपहास नहीं आया
‘आम‘ सभी बिकते हैं बेभाव यहाँ
`श्याम `कभी बिकने ‘खास‘ नहीं आया मेरा एक और ब्लॉग
http://katha-kavita.blogspot.com/
पाँव बुजुर्गों के दाबे हैं हमने
ReplyDeleteयार हुनर यह अनायास नहीं आया
मुझको झूठ कभी रास नहीं आया
सुनकर सच कोई पास नहीं आया
भूखे पेट सदा सोये हम यारो
ReplyDeleteकरना लेकिन उपवास नहीं आया
Yeh bharat ke 75 % gareeb logon ka sach hai...
aapne haqiqat bayan kiya hai...
‘आम‘ सभी बिकते हैं बेभाव यहाँ
ReplyDelete`श्याम `कभी बिकने ‘खास‘ नहीं आया
क्या बात कह दी आपने...खास कभी नहीं बिकने आता.
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ReplyDelete.
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ऐसे मनाये महिला दिवस
सर्वसाधारण के हित में >> http://sukritisoft.in/sulabh/mahila-diwas-message-for-all-from-lata-haya.html
मुझको झूठ कभी रास नहीं आया
ReplyDeleteसुनकर सच कोई पास नहीं आया..
vaah
मुझको झूठ कभी रास नहीं आया
ReplyDeleteसुनकर सच कोई पास नहीं आया
पाँव बुजुर्गों के दाबे हैं हमने
यार हुनर यह अनायास नहीं आया
ईद दिवाली होली त्यौहार गए
अम्मा हिस्से अवकाश नहीं आया
श्याम जी दिल खुश कर दित्ता :):)
मज़ा आ गया
bahut khoob...shyaam Ji..
ReplyDeleteरचना की हर पंक्तियाँ झुमा गयी मस्त कर गयी ।
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