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जिन्दगी-भर उदास रहना था
फिर तो मेरे ही पास रहना था
थे यहाँ तो महज अँधेरे ही
तुझको लेकर उजास रहना था
आमों मे वो तो हो गये हैं बबूल
उनको तो बन के खास रहना था
सब थे नंगे हमाम में फ़िर भी
तुमको तो बालिबास रहना था
देख कर तेरे हुस्न का जल्वा
किसको होशो-हवास रहना था
फ़ाइलातुन,मफ़ाइलुन,फ़ेलुन
मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/
बहुत अच्छी ग़ज़ल।
ReplyDeleteहमेशा की तरह अच्छे अश -आर आपके एक से एक .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया और उम्दा ग़ज़ल! लाजवाब!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
आमों मे वो तो हो गये हैं बबूल
ReplyDeleteउनको तो बन के खास रहना था
-बेहतरीन...
Kya baat hai Shyam bhai.
ReplyDeleteSuraj sa chamko.
Prasun sa mahko.
Har dil me har dam,
Kundan sa mahko.
--- RAGHUNATH MISRA,KOTA
Har dil ajij gajalon ke badshah ko Raghunath Misra ki hardik bahai,
ReplyDeleteSuraj sa mahko.
Prasun sa mahko.
har dil mein hardam,
kundan ban damko