आदरणीय गुप्ता जी,आंधी और आंधियों को बेशक हम एकवचन व बहुवचन लेलें लेकिन एक आंधी आपने कभी देखी है-आंधी एक वचन तो त्ब होगा जब हम कहें कि ५ मिनट की एक आंधी और १० मिनट चले तो दो आंधी १५....अत: इस शे‘र में आधियों बिजलियों जायज प्रयोग है यह मैं ही नहीं गज़ल के अनेक जानकार कहते हैं फ़िर भी आपका मेरी गज़ल पर तवज्जो देना अच्छा लगा-मैं इसे गज़ल का सत्संग कहता हूं श्याम सखा
futkar lazwaab
ReplyDeleteha ha ha bahut khub
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचना....!हमारे यहाँ पर तो सच में बिजली इसी तरह आती जाती रहती है.....
ReplyDeleteBahut achcha She'r !
ReplyDeleteumda !
ReplyDeleteश्याम जी ,
ReplyDeleteबात आपने बहुत मज़ेदार कही ,बधाई.
मगर आपकी बात में यूँ कहता हूँ.
दिल में उतरी थी वो बिजली की तरह
हाय जब गयी तो गयी आंधी की तरह
wah bahut khoob,
ReplyDeletemain iski parody banata to.......
dil pe utri thi wo billion ki tarah
jab gai to gai chuhiyon ki tarah.
ha ha.
mast futkar hai shyam ji.
सुन्दर। वाह।।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.
AAPSE HAMESHAA JYADAH KI UMMID HOTI HAI .... BADHAAYEE
ReplyDeleteARSH
बहुत खूब .
ReplyDeleteलाजवाब श्याम जी.............कमाल का शेर.
ReplyDeleteप्रणाम मेरा दुबई से
बहुत खूब श्याम जी.....वैसे ६० की उम्र में .....
ReplyDelete"दिल में उतरी थी वो बिजलियों की तरह
जब गई तो गई आंधियों की तरह"
हा...हा...हा...
.एक निवेदन है कभी हम लोंगो के ब्लॉग पर भी नजरें इनायत कर लिया करें .
ReplyDeleteप्रेम फ़रुक्खाबादी का करेक्सन सही,व बहुत सटीक,उम्दा है, वो एक बचन है तो बिजलियों.आंधियों अशुद्ध होगा।
ReplyDeleteआदरणीय गुप्ता जी,आंधी और आंधियों को बेशक हम एकवचन व बहुवचन लेलें लेकिन एक आंधी आपने कभी देखी है-आंधी एक वचन तो त्ब होगा जब हम कहें कि ५ मिनट की एक आंधी और १० मिनट चले तो दो आंधी १५....अत: इस शे‘र में आधियों बिजलियों जायज प्रयोग है यह मैं ही नहीं गज़ल के अनेक जानकार कहते हैं
ReplyDeleteफ़िर भी आपका मेरी गज़ल पर तवज्जो देना अच्छा लगा-मैं इसे गज़ल का सत्संग कहता हूं
श्याम सखा