Wednesday, June 1, 2011

कुछ न करने से तो जाये है हुनर-- gazal shyam skha shyam


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आज कुछ नर्म-सी बातें कर लें
बैठ तो मर्म की बातें कर लें

हो चले ठण्डे सभी रिश्ते तो
आओ कुछ गर्म-सी बातें कर लें

ज्ञान की खुल ही न जाये कलई
आओ कुछ धर्म की बातें कर लें

कुछ न करने से तो जाये है हुनर
मुफ़्त ही कर्म की बातें कर लें

है न कोई कि जो फ़ेंके पत्थर
चुपके-से शर्म की बातें कर लें



फ़ाइलातुन फ़इलातुन,फ़ेलुन ४.४.९२ गोहाना ५ पी एम


मेरा एक और ब्लॉग http://katha-kavita.blogspot.com/

11 comments:

  1. कुछ न करने से तो जाये है हुनर
    मुफ़्त ही कर्म की बातें कर लें

    bahut badhiya prastuti...

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  2. ज्ञान की खुल ही न जाये कलई
    आओ कुछ धर्म की बातें कर लें...
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! शानदार ग़ज़ल!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://www.seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

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  3. आज कुछ नर्म-सी बातें कर लें
    बैठ तो मर्म की बातें कर लें


    -बहुत सही...तभी बात आगे बढ़ेगी. :)

    बेहतरीन गज़ल!!!

    छोटी बहर है, और दो शेर निकालिये कम से कम!!! :)

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  4. सारगर्भित गजल बधाई स्वीकारिए। आपकी रचना पढ़ कर लखनऊ में मुलाकात की याद ताजी हो गई।

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  5. हो चले ठण्डे सभी रिश्ते तो
    आओ कुछ गर्म-सी बातें कर चाहिए, बाक़ी बातें भी हो जाएंगी।

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  6. ग़ज़ल को साझा करने का का बहुत बहुत शुक्रिया. पूरी ग़ज़ल बेहतरीन है. कथ्य के हिसाब से एकदम दुरुस्त...!! ये दो शेर मुझे बहुत अच्छे लगे.
    आज कुछ नर्म-सी बातें कर लें
    बैठ तो मर्म की बातें कर लें

    हो चले ठण्डे सभी रिश्ते तो
    आओ कुछ गर्म-सी बातें कर लें

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  7. छोटी बह्र में सुन्दर ग़ज़ल ।

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  8. सुन्दर अभिव्यक्ति

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  9. एक अति सुंदर ओर लाजवाब प्रस्तुति!!

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  10. दुनिया है फ़ानी, भ्रम की बातें कर लें :)

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